ज्योतिषाचार्य शिवम शास्त्रीद्वारा 25 वर्षो से निरंतर अनुष्ठान, पूजन पाठ,यज्ञ, इत्यादि वैदिक परंपरा के अनुसार संपन्न हुए है । विशेष: हमारे द्वारा निशुल्क जन्म कुंडली देखी जाती है एवं सभी समस्या का निवारण किया जाता है। मुख्य रूप से हमारे द्वारा कि जाने वाली पूजा वैधव्य दोष निवारण ,ग्रहण दोष कालसर्प दोष, मंगल भात पूजा, महामृत्युंजय जप, दुर्गा सप्तशती पाठ, बगलामुखी हवन, वास्तु शांति, यज्ञ,जन्म कुंडली फलित, महारूद्र अभिषेक, एवं समस्त मांगलिक कार्य वेदोक्त पद्धति के साथ संपन्न कराये जाते है ।
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!! जय श्री महाकाल !! क्या है "कालसर्प योग" सामान्यतः जन्म कुंडली के बाकी सात ग्रह राहु और केतु...
मंगल ग्रह यदि जन्मकुंडली के लग्न, चतुर्थ भाव, सप्तम भाव, अष्टम भाव, द्वादश भाव में हो तो कुंडली को...
पितृदोष और कालसर्पदोष का सबसे प्राचीन स्थान सिद्धवट घाट है यहीं पर पितरों को मुक्ति प्रदान होती है ..
ॐ ब्रह्मामुरारि त्रिपुरान्तकारी भानु: शशि भूमिसुतो बुध च। गुरु च शुक्र: शनि राहु केतव: सर्वेग्रहा: शान्ति करा: भवन्तु।।”
जन्मकुंडली के लग्न, चतुर्थ भाव, सप्तम भाव, अष्टम भाव, द्वादश भाव में हो तो कुंडली को अर्क कुम्भ विवाह कहते हैं
महामृत्युंजय मंत्र का जप क्यों किया जाता है? शास्त्रों और पुराणों में असाध्य रोगों से मुक्ति और अकाल मृत्यु....